Apni Dukan

Tuesday 12 April 2016

जानिये क्यों हो गए है स्वरूपानंद सरस्वती विक्षिप्त तथाकथित कांग्रेसी बाबाओ ,संतो धर्मगुरूओ हो गए है भाजपा से परेशान , इसलिए ऊल जलूल ब्यान देकर स्वरूपनद सरस्वती अपनी पहचान बना रहे है,

जन उदय : जिस तरह सरकारे बदलती है उसी तरह अफसरों नौकरशाहों के तबादले होने शुरू हो जाते है सत्ताधारी पार्टी अपने अपने चमचे अफसरों को  नौकरशाहों को आगे लाना शुरू कर देती है ,ठीक उसी तरह प्रदेश में एन जी ओ  सामाजिक संस्थाओं का भी हाल हो जाता है जो संस्था सत्ताधारी पार्टी की बात नहीं मानती उनकी विचारधारा के साथ काम नहीं करती ,  उन संस्थाओं के हालात काफी बुरे  चलते है , ठीक इसी तरह गुंडे भी सत्ताधारी पार्टी  के ही सक्रिय रहते है , सत्ताधारी पार्टी अपने गुंडों को समर्थन दे उनके  वर्चस्व  और खौफ को बढ़ाती है ताकि यही गुंडे चुनाव के वक्त इनके काम आ सके

सत्ताधारी पार्टी का मतलब है की उस पार्टी की सत्ता के समय में सारे के सारे अफसर , गुंडे नेता , दलाल  तत्व ही काम करेंगे

सत्ता का मजा सिर्फ गुंडे बदमाश या नेता अफसर ही नहीं लेते  बल्कि भारतीय समाज में उस पार्टी को आशीर्वाद  देने वाले साधू , संत , धर्म गुरु भी खूब ऐश करते है  आपको  यकीन नहीं हो रहा होगा  दरअसल भाजपा  शासन में यही हो रहा है , जितने भी भाजपा समर्थक साधू संत , नेता , गुंडे सब एश कर रहे है  लेकिन कांग्रेस समर्थित बाबा और साधू लोगो को दरकिनार कर दिया गया है आज इन साधुओ की वो हलात हो गई है जैसे गली का कुत्ता हो , 

यही कारण है कि इतना समय तक चुप चाप  रहने वाले साधू स्वरूपानंद सरस्वती  पूरी तरह से  मानसिक रूप से पगला  गए है
इनको लगता था  भाजपा आएगी  तो साधू होने के नाते धार्मिक सरकार इन्हें कुछ विशेष पदवी या तमगा  देगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ  उलटा  इनका हर बात पर तिरस्कार हो  रहा है  यही कारण है की स्वरूपानंद सरस्वती  जी ऐसे उलटे सीधे ब्यान दे रहे है जिससे सरकार और मीडिया का ध्यान इनकी तरफ जाए और अंत में सरकार इन्हें कुछ दे दे


वैसे स्वरूपानंद जी के ब्यान कुछ ऐसे ब्यान है जो मानसिक रूप से विक्षिप ही दे सकता है चूँकि ये साधू है तो शायद इनके लिए कोई कड़े शब्द  तो इस्तेमाल नहीं कर रहा है लेकिन पागल जरूर करार दे रहा है