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Thursday 21 April 2016

सिर्फ गरीब कमजोर को मार कर बहादुर बनते है ब्राह्मणवादी ,असल में इनका इतिहास डरपोक ,देशद्रोह और गद्दारी का है

जन उदय : भारत का पूरा इतिहास उठा कर देख ले वो भी वो जो सच है न की काल्पनिक कहानिया ,सवर्ण ,ब्राह्मणवादी लोग जो बहादुर बनते है और अपनी  बहादुरी गरीब ,कमजोर निहत्थे लोगो को मार कर दिखाते है ये दरअसल एक नम्बर के डरपोक , देशद्रोही और गद्दार रहे है ,

इनकी बहादुरी के किस्से  पृथ्वीराज चोहान  की काल्पनिक कहानियाओ से शुरू होती है जिसमे ये अपने आपको बहादुर बताते है , लेकिन इसका सच यह है की  गौरी ने बिना देर किये चोहान की गर्दन काट दी थी और उसको ले जाकर दीवार में चिनवा  दिया था
इसके बाद मुस्लिम शासको का सिलसिला जारी रहा जिनके चलते  ये बहादुर लोग  उनके दरबारों में नौकरी करने लगे और ब्राह्मणों ने अपना पूरा पूरा साथ मुस्लिम शासको को दिया और उनसे बदले में मांग की वो भी यानी ब्राह्मण भी उनकी तरह विदेशी हमलावर है इसलिए इनको ज़जिया कर से मुक्त किया जाए , और उनसे मांग की  शुद्र उनके गुलाम है  इसलिए इस ताने बाने को बना रहने दिया जाए . सो मुस्लिम शासको को इस बात से कोई सरोकार न था इसलिए उन्होंने समाज के इस ताने बाने पर कोई ध्यान न दिया  , इसकी एक वजह यह भी रही की ये ब्राह्मण और अन्य सवर्ण मुस्लिम  राजाओं को  मनोरंजन और शादी के लिए अपनी समाज की और परिवार की लडकियो को पेश करते थे .

और यह सिलसिला फिर सैंकड़ो साल चलता रहा हर म्सुलिम शासक , मुग़ल शशक के दरबार में  ब्राह्मण और अन्य स्वर्ण मजे करते रहे मानसिंह ,  पुरनिया पंडित ऐसे   हजारो नाम है

एक नाम और आता है राणा प्रताप का मुग़ल काल में जिसे  ब्राह्मण और जातिवादी लोग बहुत बहादुर बताते है यहाँ तक की उसके घोड़े को भी महान बताते है ,जब असल में यह हुआ की एक हिन्दू  यानी मानसिंह को अकबर ने भेजा और यह बहादुर  डर कर जंगलो में छिप  गया और जब तक बहार नहीं आया जब अकबर ने मेवाड़ की तरह ध्यान देना छोड़ दिया , और राणा आकर   चार सैनको को मार कर   वहा शासन करने लगा

अंग्रेजो के आने के बाद ब्राह्मण इनके भी समीप रहे  और शासन करने में इनकी मदद करते रहे  मात्र  ६५ हजार अंग्रेज  ४० करोड़ से जयादा की जनसंख्या वाले इस देश  पर शासन इसलिए करते रहे क्योकि यहाँ केलोग यानी ब्राह्मण और स्वर्ण इनके साथ थे , पुलिस , प्रशासन , आदि में  १७ आई सी एस अफसरों में  हर बार  १६   अफसर  ब्राह्मण ही होते   थे , और बाकी जातिओ के लोग सेना  और अन्य सेवा में


ब्राह्मण देश देश चिल्लाते  रहे लेकिन देश के नाम पर देश को ये आजादी के नाम पर भी ठगते  आ रहे है ,जातिके नाम पर हर साल हजारो कत्ल , बलात्कार  ये लोग करते है , आदिवासिओ का जीना मुस्ल्किल  किया हुआ है



सरकार कानून इनके लिए कुछ भी नहीं ये सिर्फ आतंक फैला  रहे है अपना और वो भी सिर्फ उन्ही लोगो को मारते है जहा पर दलित लोग कमजोर और  गरीब  है अनपढ़ है , गरीबो की जमीने छीन ले रहे है ,टोला  बथानी ,  और ऐसी  हजारो घटनाए है अहा पर पुरे के पुरे गाव दलितों के जला दिए गए लेकिन कोई सुनवाई  नहीं