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Thursday 21 April 2016

वचन है नहीं पड़ने देंगे गरीब ,दलित ओ बी सी को यु जी सी नॉन नेट फ़ेलोशिप जारी रहने का सच , धूर्तता से भरी चाल ,कर दिया देश को गुमराह

 जन उदय :  देश के सभी शिक्षा संस्थानों के गरीब ओ बी सी छात्रों में ख़ुशी की लहर दौड़ गई है की उनके द्वारा किये गए प्रयासों से सरकार यु जी सी की नॉन नेट फ़ेलोशिप जारी रखने के लिए मजबूर हो गई है .

लेकिन संघी ,जो पूंजीवादियो के चमचे है और ब्राह्मणवाद को फैलाने के लिए वचनबद्ध इतने आसानी से हार मानने वाले नहीं है ,पुरे देश को गुमराह  करते हुए इन लोगो ने सबसे पहले यु जी सी के बजट को ५५ % कम किया है इस साल के लिए जो आगे भी जारी रहेगा , तो जब बजट ही नहीं रहेगा तो यह संस्था काम कसी करेगी , इसके दो उपाय है की इसके समक्ष एक दूसरी ऐसी संस्था बना दी जाए जो इससे अलग हो और दूसरा इसके बजट को यानी कार्य  क्षमता को ही खत्म कर दिया जाए

वैसे पुरे देश में शिक्षा का बजट कम क्र दिया गया है , यानी यह वो बजट है जो सरकारी स्कूलों और कोलेज को दिया जाता है , सरकारी स्कूल और संस्थानों को हालत इतनी खराब है की वहा पर स्कूल नहीं है  कोई सुविधा नहीं है , अकेले सिर्फ ओड़िसा में ३००० हजार स सरकारी स्कूल यह कह कर बंद कर दिए गए की यहाँ बच्चे पढने नहीं आते , सवाल यह है की जब शिक्षक ही नहीं आते तो बच्चे कहा से आयंगे ?

दूसरा देश में सरकार निजी कोलेज और यूनिवर्सिटी को बढ़ावा दे रही है यानी जिसके पास पैसा है वही पढ़ेगा , गरीब  दलित इसलिए नहीं पढ़ सकेगा क्योकि उसके पास पैसा ही नहीं है फीस भरने के लिए , दूसरा कदम जो देश का बेडागर्क करेगा वही है  विदेशी यूनिवर्सिटी के कैंपस देश में ही खुलेंगे ऐसा निति आयोग ने सुझाया है और इसकी नीव कपिल सिब्बल ने डाली थी , अब इन यूनिवर्सिटी के आने से जाहिर है फिर वही अमीर लोगो के बच्चे ही पढेंगे  जिनके पास विदेशी डिग्री होगी और अंग्रेजी का ज्ञान होगा

ऐसा नहीं है की गरीबो को पढने नहीं दिया जाएगा , पढ़ ले दसवी कर ले , बारहवी कर ले चल जा कोलेज चला जा , लेकिन उच्च शिक्षा में रिसर्च में मेडिकल में इंजीनियरिंग में दलित को नहीं आने देना

हां  दलित स्किल बने यानी मजदूर बने स्किल इंडिया कार्यक्रम इस मकसद की पूर्ति के लिए चला दिया गया है , अफसर सिर्फ तिलकधारी बनेगा , देश वही  चलायगा .