अम्बेडकर की फोटो लगाने की नौटंकी जबकि दलितों की हत्या , बलात्कार लगातार हो रहे है यु पी में
जन उदय : वैसे तो पुरे देश में भारत के
मूलनिवासी जिन्हें दलित भी कहा जाता है
उनका जातीय हिंसा और उत्पीडन से बुरा हाल
है रोहित वेमुला , जीशा , डेल्टा मेघवाल
,उना काण्ड , अख़लाक़ काण्ड हुए है और ऐसे ही रोज हो रहे है लेकिन भाजपा शासित
राज्यों में ब्राह्मण आतंकवाद जिसे
भगवा आतंकवाद भी कहा जाता है वह इस कद्र
बढ़ रहा है की लोग सांस नहीं ले पा रहे .
उत्तर प्रदेश में जबसे ई वी एम् घोटाले से बनी सरकार आई है तब से जातीय नरसंहार
जोरो पर रोज हत्या बलात्कार हो रहे है
और सहारनपुर की जातीय हिंसा और
ऐसी घटना है जिनसे पुरे विश्व को
हला कर रख दिया है पूरी दनिया के मानवाधिकार संघठन भी हिल गए है . क्योकि इसमें योगी सरकार ने ठाकुरों
को पोलिस का साथ दे कर राज्य के
चमारो पर हमले करवाए उनकी हत्याए की और उनके घर लुटे
कमाल की बता की ठाकरो पर कार्यवाही करने की जगह दलितों को
ही जेल में डाल दिया गया और उनकी
जमानत तक नहीं होने दी जा रही ई भीम आर्मी के चीफ चंदर शेखर
को एल में ही मारने की साजिश रची
जा रही है
“””” सहारनपुर में हुई जातीय हिंसा का सचजाकिर
चौधरी
उत्तर प्रदेश में जब से भाजपा की सरकार आई है
तब से ऐसा लगता है जैसे सहारनपुर क्षेत्र को किसी की नज़र लग गयी हो। कुछ दिन पहले
चिलकाना में सैनी समाज के कुछ उपद्रवी लोगों ने
दलितों पर हमला बोला। होली के अवसर पर राजपूतों और दलितों के बीच झगड़े की
खबर आई थी। ताज़ा घटना को ध्यान में रखें तो सहारनपुर के ग्राम शब्बीरपुर में दलित,
बाबा
साहब अंबेडकर की प्रतिमा लगाना चाह रहे थे। इस स्थान पर क़ानूनी तौर पर अधिकार
दलितों का ही है। इस गाँव के राजपूतों को दलितों द्वारा अम्बेडकर की प्रतिमा को
लगाने तथा प्रतिमा का चबूतरा ज़्यादा ऊंचा बनवाए जाने से आपत्ति थी। इस कार्य को
राजपूतों ने रुकवा दिया। दलितों में सहमति बनी कि इस कार्य को प्रशासन की अनुमति
लेने के बाद ही शुरू कराया जाये। इसलिए कार्य वहीं ठप्प हो गया।
इसके कुछ दिन बाद राजपूतों ने बिना अनुमति के
महाराणा प्रताप के जन्मदिन यानि 9 मई को “शौर्य दिवस”
का
जूलुस निकाला। शौर्य दिवस मनाने की अनुमति तो प्रशासन ने एक पार्क में दी थी लेकिन
जुलूस निकालने की अनुमति नहीं दी क्यूंकि कहीं न कहीं प्रशासन को भी किसी अनुचित
घटना घटित हो सकने का अंदेशा था। शौर्य दिवस मनाने के लिया हरियाणा, उत्तराखंड
और उत्तर प्रदेश के राजपूत समुदाय के लोग इकठ्ठा हुए थे. गैरकानूनी ढंग से जलूस
निकालने के बाद राजपूत समुदाय के लोगों ने संत रविदास के मंदिर के सामने ऊँची और
तेज़ आवाज़ में गाने बजाये। शोर शराबे पर जब दलितों ने आपत्ति जताई तो कहासुनी और
झड़प हुई। उसके फलस्वरूप राजपूत समुदाय के लोगों ने संत रविदास मंदिर के अन्दर जाकर
संत रविदास की प्रतिमा को क्षति पहुंचाई। इन सभी हरकतों और घटनाओं से आप अंदाजा
लगा सकते है कि किस तरह से राजपूत समुदाय के लोग दलितों को डराने और उकसाने का
प्रयास कर रहे थे।
इसी बीच जब झुण्ड का एक व्यक्ति प्रतिमा को
तोड़कर मंदिर से बाहर आ रहा था तभी वह अचानक से चक्कर खाकर ज़मीन में गिरा और उसकी
मृत्यु हो गई। यह बात पोस्ट मॉर्टेम रिपोर्ट में भी साबित हुई कि उस व्यक्ति की
मृत्यु स्वतः हुई और उसके शरीर पर किसी भी प्रकार की चोट का कोई निशान नहीं पाया
गया है।
एक स्थानीय निवासी के अनुसार झड़प शुरू होने के
थोड़ी देर बाद लगभग दो हज़ार राजपूत इकठ्ठा हो गए। राजपूत समुदाय के लोग फ़ोन पर फ़ोन
किये जा रहे थे और सभी लोग लाठी, तलवार और अन्य हथियारों से लैस थे।
उनहोंने शब्बीरपुर के गरीब, असहाय और निहत्थे दलितों पर धावा बोल
दिया और लगभग 30 घरों को जलाकर नष्ट कर दिया। इसी बीच दलितो
में हाहाकार मच गया और वह किसी तरह अपनी जान बचा कर सुरक्षित स्थानों पर भागे।
राजपूत समुदाय की जो भीड़ दलितों पर आक्रमण कर रही थी उसमें लोग “जय
राजपूताना” के नारे लगा रहे थे साथ ही साथ यह भी कह रहे थे
कि “जय भीम नहीं जय राजपूताना बोलना होगा।””””
अब चुकी
हर जगह दलितों की अनदेखी
की जा रही है नौकरी में ब्राह्मण
आयोग बना सिर्फ ब्राह्मणों को ही भारती इया जा रहा है नर्सिंग घोटाला सामने आया है जिसमे ३ अंक और ८
अंक पाने वाले ब्राह्मणों को नौकरी
दी गई जबकि ५० अंक पाने वाले
दलितों को नहीं मिली
जब से भाजपा सरकार में आई है तब से गैर ब्राह्मणों पर आतंक
की तलवार लटकी हुई है
अब योगी ने एक सगुफा छोड़ा है
की हर सरकारी दफ्तर में अम्बेडकर की मूर्ति लगेगी यह ब्यान
अंत कुमार हेगड़े एक ब्राह्मण आतंकवादी के जिसने यह कहा था हम
आये ही सविंधान बदलने है
वैसे भी अम्बेडकर की मूर्ति या तस्वीर लगाने से क्या होगा , एक
तरफ आप तस्वीर लगायंगे दूसरी तरफ
दलितों की हत्या और उनके हको को छिनेंगे
इसे दोग्लापंती कहते है भाजपा और आर्य आतंकवादियो का यह
डरपोक वाला ब्यान है , दरसल ब्राह्मण
और उसके समर्थक विदेशी आतंकवादी है जिन्हें जब तक देश से निकाला नहीं जाएगा तब तक इस देश का भला नहीं होगा
After genocide of dlit in saharanpur , up yogi govt order to
keep ambedkar photo in every govt office
Saharanpur or any
other place yogi is the mastermind of
saharanpur caste riot wherein he
permitted supported the thakurs