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Wednesday 13 April 2016

जानिये कैसे आर एस एस का प्रोपगेंडा डिपार्टमेंट ( मिथ्या प्रचार विभाग ) जहर फैलाता है

जन उदय : वैसे तो आर एस एस  ने देश में अंधविश्वास , भेदभाव , जातिवाद  और समाज की  उस हर भ्रान्ति ,  को बढ़ावा  दिया है जो समाज में किसी भी वैज्ञानिक  विचारधारा के विपरीत चलती है  और समाज को गरीबी अशिक्षा , की और धकेलती है .
वर्तन समय में जैसे ही सोशल नेटवर्किंग साइट्स   का प्रचलन  जयादा  बढ़ा है वैसे ही आर एस एस ने माध्यम का सही ढंग से इस्तेमाल करने के लिए  कुप्रचार , मिथ्या प्रचार के ने ने तरीके निकाल लिए है

आइये  देखते  है इनमे क्या क्या शामिल है

अंधविश्वास  की लेख  :   आर एस एस का प्रोपगेंडा  डिपार्टमेंट  इस बात का सदैव ख्याल  रखता है की लोगो में अंधविश्वास बना रहे है  आइल लिए  हमेशा  मन को भ्रामक करने वाले लेख कविताएं  पोस्ट करते  रहते है , जिसमे  फोटो  और लेख दोनों शामिल है , फोटो में दस सर वाला  नाग , किसी पेड़ पर देवता का चित्र , नदी में पहाड़ में शंकर जी  का फोटो  इत्यादि शामिल है

भगवानो की तस्वीर : हर संघी जो प्रोपगेंडा में शामिल में है अपने फेसबुक और ट्विटर  अकाउंट पर रोज या तीसरे दिन भगवान् की फोटो लगाता रहता है
चमत्कारों के बारे में सूचना : हर संघी किसी न किसी तरह से चमत्कारों की यानी भगवान् के द्वारा किये गए चमत्कारों की फोटो लगता रहता है

भ्रामक विडियो और लेख : ये दोनों भी संघियो की ताकत है हर सम्स्य कुछ न कुछ ऐसे विडियो , भड़काऊ विडियो  ये फेसबुक पर लगाते रहते है  जैसे राम  मंदिर के मामले में इन्होने रामलला को जेल में दिखाया  था , आज भी एडिटेड  विडियो लगाते रहते है जे एन यु का विडियो  आदि

फोटोशोप फोटो : कुछ ऐसी फोटो जो लोगो गुमराह करती है वैसे फोटो एडिट करके लगाते रहते है , मोदी और ओबामा को फोटो  जो सही नहीं है  मोदी शेर के साथ , गो हत्या , तिरंगा को जलाना , भगवान्  की मूर्ति के उपर किसी मुसलमान को पैर रख कर दिखाना  आदि आदि शामिल है
खबरों के लिए   ये दिखाने के लिए की यह खबर अखबार में छपी है या किसी किताब में छपी है  ठीक उसी  फॉर्मेट में लेख  या अपनी बात लिख कर फिर उसे स्कैन  कर लगाते है की उस अखबार में छपी है या उस किताब में छपी है यह बात इसमें इन्होने कुछ नहीं किया

नेताओं ,कलाकारों के फेक फेसबुक और ट्विटर  अकाउंट बनाना : यह भी इनकी एक रणनीति का हिस्सा है उस अकाउंट में अपनी पसंददीदा  बात लिख कर फिर शयेर करते है और दिखाते है की देखो हमने नहीं इस फलां व्यक्ति ने कही है यह बात .

हाल ही में कनाह्ह्या के मामले में टाटा का ब्यान जो एक आर एस एस के बंदे ने छापा  था की टाटा अब किसी जे एन यु के लड़के को नौकरी नहीं देगा , बाद में उस अकाउंट को पकड लिया गया और जेल में डाल  दिया गया


झूटी किताबे  , लेख लिखना  , यह तो इनके मुख्य कार्य है ही लेकिन बदलते समय में आर एस एस ने अपने जहर फैलाने के तरीके भी मॉडर्न कर लिए है