जन उदय :ओड़िसा,
छतीसगढ़ , मध्य प्रदेश , बिहार , झारखंड
महाराष्ट्र आदि से आय दिन खबरे आती है की नक्सलियो ने ये कर दिया , वो कर दिया लेकिन सच्चाई इसके विपरीत होती है ,क्योकि इन जगहों पर बड़ी बड़ी कम्पनियो को जमीन
देने के लिए सरकार पुलिस , प्रशासन और
हत्यारों का सहारा लेती है जो आदिवासी जमीन अपनी जमीन नहीं देते उनके परिवारों को
जेल में डाल दिया जाता है , फिर भी न माने तो
डराया धमकाया जाता है और अगर फिर भी न माने तो उनकी बहन बेटियो का बलात्कार कर
उनकी हत्या कर दी जाती है
ऐसा ही एक और केस
छतीसगढ़ में सामने आया , जहा पर सामाजिक
कार्यकर्ता रिन चिन सहित दो आदिवासी महिलाओ को गिरफ्तार किया थाने में . 250
महिलाओ ने घेरा थाना तमनार को . महिलाओ की मांग जिनके मकान तोड़े है ,उसके लिए जिम्मेदार लोगो के खिलाफ एफ आई आर
दर्ज़ की जाये . प्रतिबंधित धारा और अपराध 79 /16 _184, 294. रद्द किया
जाये ।
लोगो ने मुचलका
भरने से इंकार किया. अभी भी महिलाये थाने का घेराव जारी .
रायगढ़ जिले के
ग्राम बनखेता में हिंडाल्को माइनिंग के लिए गांव के 2 परिवारो के घरो को बुलडोजर
चलकर तहस नहस कर दिया गया .
विरोध करने पर 2
महिलाओ सनीरो विरहोर, निर्मला सिदार
सहित सामाजिक कार्यकर्त्ता रिनचिन को तमनार थाने लाया गया हे।। विरोध स्वरुप गांव
वाले तमनार में एकत्रित हो रहे हे।।।
दोनों परिवारो को
30 तारीख तक घर खाली करने का नोटिस 31 तारीख को ही प्राप्त हुआ और आज प्रशासन ने
घरो को पूणतः तोड़ दिया ।
जिला प्रशासन की
यह कार्यवा ही पूणतः उधोग समूह के दवाव में की गई हे जो पूरी तरह जन विरोधी हे।। प्रदेश
में आदिवासियों को उनके जंगल, जमीन और घरो से
जबरन उजाड़ने की घटनाये लगातार बढ़ रही हैं।। यहाँ तक की मर्जी के बगैर प्रक्रिया का
सही ढंग से पालन न करते हुए जमीनों का अधिग्रहण हो रहा हे यहाँ तक की पुनर्वास के
बिना ही घरो को तोड़कर बेघर किया जा रहा हैं। प्रदेश के मुखिया को इन मामलो का
संज्ञान लेते हुए तत्काल दिशा निर्देश जारी करने चाहिए।
छत्तीसगढ़ बचाओ
आंदोलन इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए महिला साथियो की नि शर्त रिहाई
की मांग करता हे।। बिना पूर्व सुचना के घर तोड़ने वाले दोषी अधिकारियो पर कड़ी
कार्यवाही और प्रभावितों के उचित उचित व्यवस्थापन की मांग करता हे।
लिखने तक 250
महिलाये थाने के सामने घेरे खड़ी है ,अधिकारियो से चर्चा चल रही है