दलित गरीब
ही नक्सली आतंकवादी बनते है श्री श्री रवि
शंकर
श्री श्री रवि शंकर जो आज
दिल्ली में यमुना नदी के किनारे
विश्व संस्कृति महोत्सव मना रहे है दरअसल
एक नम्बर का धूर्त ब्राह्मणवादी
,जातिवादी है
यही नहीं इसने
सरकार
यानी कोर्ट के
आदेश की अवेहलना कर यह भी जता दिया है की इस देश में धर्म के नाम पर कुछ भी अनैतिक , किया जा सकता
है वह भी विशेषकर हिन्दू धर्म के नाम पर
, ऐसा इसलिए है की हिन्दू धर्म के नाम से
जाना जाने वाला धर्म दरअसल धर्म है
ही नहीं बल्कि ब्राह्मणों द्वारा फैलाई
जा रही विषैली संस्क्रती है , जो इंसानियत
को श्रम सार करती है .
दुनिया में सिर्फ ब्राह्मणों द्वारा फैलाई जा रही संस्कृति
ही ऐसी संस्क्रती है की इसका कोई भी सूत्र पुरे देश में एक जैसा , हो
और यही एक ऐसा धर्म है को कुरूतियो को बढ़ावा और वैधता प्रदान करता है
श्री श्री रवि शंकर एक ऐसा विषैला नाग है
जो जातिवादी मानसिकता से भरा है ,
यही कारण है की
एक बार इसने २१ मार्च २०१२ को जयपुर के एक
कार्यकर्म में कहा था की सरकारी स्कूलों में पढ़ कर बच्चे नक्सली बनते है , तो
सरकारी स्कूलों में कौन से बच्चे पढ़ते
है ??
जाहिर है गरीब
लोग और गरीब लोग कौन है यानी दलित तो नक्सली कौन बनेगा ?? यानी दलित क्योकि किसी और समाज के उपर तो जुल्म होते नहीं
है भारत में सिर्फ जातिवाद के नाम पर जितने जुल्म होते है उसकी कोई गिनती ही नहीं है
एक अध्यात्मिक
गुरु जो अपने आपको दुनिया में यह दिखाता
है की वह सबके लिए एक है , सभी मानव एक है
लेकिन ये सिर्फ कहने भर के लिए है हकीकत में यह नहीं है