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Friday 15 April 2016

जाति के नाम पर , धर्म के नाम पर फिर देश के नाम पर बेचा , लेकिन खराब क्वालिटी के कारण फ्लॉप हो गए रामदेव के प्रोडक्ट , बंद भी हो सकता है पतंजलि

जन उदय : रामदेव  जो स्कूल नहीं गया  और घर से भाग कर  हरिद्वार  पहुच गया  इसके बाद  ये योग और आयुर्वेद का कैसे  विद्वान हो गया  ?  जो स्कूल , कोलेज गया नहीं  - फिर दुनिया के सामने योग गुरु – आयुर्वेदाचार्य बनके प्रकट हुआ   यह पूरी प्रक्रिया  भक्तो को छोड़ सबके मन में एक शंका जरूर जगाती है

खैर यहाँ हमें रामदेव को एक व्यापारी की तरह देखना है एक ऐसा व्यापारी जिसने बहुत कम सायं में एक अगलग ही तरीके से बहुत  जल्द ही शोहरत हांसिल कर ली और बाकायदा अपने सारे प्रोडक्ट जनता के बीच पहुचा दिए

रामदेव ने अपनी यात्रा योग शिविर से शुरू की और कुछ दवाईया सामने लाया जिसका विरोध यह कह कर खुद करवाया की इसमें मानव हड्डिया मिली हुई है  इस  विरोध का विरोध रामदेव ने यह कह कर किया कि उसके उत्पादों का विरोध पश्चिमी सभ्यता को मान्न्ने वाले लोग ही कर रहे है और यह भारत का प्राचीन ज्ञान है जिसे दबाया जा रहा है , रामदेव के इस काउंटर विरोध से काफी  संख्या में लोग जुड़ गए  जो सच में बड़े ही नादाँ और देशभक्त टाइप है

इसके बाद रामदेव ने योग शिविर के नाम पर देश विरोधी या सरकार विरोधी गतिविधिया चलानी शुरू कर दी जिसका परिणाम दिल्ली के रामलीला मैदान में सामने आया  इस घटना के बाद लोग रामदेव के और भी भक्त हो गए इसके बाद लोगो की सवेंदना का फायदा उठाते हुए रामदेव ने अपने सेवा केंद्र खोलने शुरू कर दिए और जम कर मुनाफ़ा कमाया

तीसरा फेस रामदेव का रहा जहा पर इसने दलित विरोधी और कांग्रेस विरोधी ब्यान जारी करना शुरू कर दिया  इससे रामदेव को भाजपा और संघियो की मदद तो मिली लेकिन एक बहुत बड़ी जनसख्या रामदेव से अलग हो गई  और यही कारण रहा की रामदेव को आज से ट्रेंड के विज्ञापनों का सहारा लेना शुरू कर  दिया है  हलांकि इस बीच रामदेव के उत्पादों को पोल खुलने शुरू हो गई यानी रामदेव के उत्पाद खराब और गन्दी क्वालिटी के नीलने शुरू हो गए , किसी में फुंग्स , किसी में छिपकली ,  आदि यह सब शुरू  हो गया है

इसके अलावा रामदेव के राजनीतिक झुकाव ने जनता का मन बदल दिया है  यही कारण है की अब रामदेव के सेवा केंद्र अब रामदेव के उत्पादों पर न तो निर्भर है और न हो उनको प्रोमोट कर रहे है यानी सेवा केंद्र वाले अब दुसरे आयुर्वेदिक प्रोडक्ट रख रहे ही  और रामदेव को साइड लाइन कर रहे है
इसी बीच रामदेव ने दुबारा देशभक्ति का नारा विज्ञापनों में देना शुरू कर दिया है लेकिन शायद रामदेव को यह नहीं मालूम  आजकल  लोगो को फ्री का भी मिले तो भी लोग अच्छा ही खाना पसंद करेंगे  दस बीस रूपये के लिए अपनी जान और स्वास्थ का खतरा मोल नहीं लेंगे , और इसका परिणाम रामदेव के उत्पाद बंद होने जा रहे है ,

वैसे भी देशभक्त रामदेव के कारखाने में लोगो को वक्त पर सेलरी नहीं मिल रही है , वर्कर्स यूनियन को दबाया जा रहा है  जो  ज्यादा देर तक नहीं चलेगा