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Tuesday 12 April 2016

आरक्षण छोड़ने की बात करने वाले दलित नेता पहले खुद दलित राजनीती छोड़े और आरक्षित सीटो पर न लड़े

नई दिल्ली : रामविलास पासवान ने एक बार कहा था की अगर आरक्षण न होता तो वो आज जहा है वहा नहीं होते ,जाहिर है इसमें कोई दो राय नहीं है क्योकि आज जितने भी दलित है वो आरक्षण की वजह से आगे आये है


अब इनके सपुत्र  आरक्षण के लिए लड़ने वाली अपनी ही पिता की पार्टी से जिन्हें चुनाव लड़ने का आरक्षण मिला  कहते है कि आर्थिक रूप से खुशहाल दलितों को भी आरक्षण का लाभ उठाना बंद कर देना चाहिए।



अख़बार 'द टाइम्स ऑफ़ इंडिया' को दिए गए एक इंटरव्यू में चिराग पासवान ने कहा कि आर्थिक रूप से समृद्ध लोगों के लिए आरक्षण कोटा बंद कर देना चाहिए और यह उन समुदायों को दिया जाना चाहिए जिन्हें इसकी जरूरत है, इससे उनकी स्थिति में सुधार आएगा। 


इस बात को खाने से पहले चिराग पासवान ने के बार भी नहीं सोचा होगा की अगर समृद्ध दलित आरक्षण छोड़ेंगे तो वो खुद अपने पिता की  पार्टी में क्यों आरक्षण पाकर चुनाव लड़े ?
इसके अलावा अब खुद क्यों दलित राजनीती कर रहे है ??  आप समृद्ध है अब आपको क्या करना है आरक्षण का ??



ये बड़े ही अचरज की बात है की इससे पहले दलितों के नाम पर खाने वाले आरक्षित सीट पर लड़ने वाले कहते है समृद्ध दलितों को आरक्षण छोड़ना चाहिए , यानी ये वो लोग है जिन्हें खुद सब कुछ चाहिए लेकिन प्रवचन सबको त्याग का दे रहे है