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Sunday 27 March 2016

वीर सावरकर और नथुराम गोडसे – समलैंगिक

वीर सावरकर और नथुराम गोडसे – समलैंगिक      Written by: Amit Indukar

भारत मे गांधी के अनेको महिलाओं के साथ संबंध थे यह बताया जाता हैं ( पढे- इंडिया टुडे 19 जून 2013, रंगीला गांधी लेखक:- एल्.आर.बाली, Gandhi Naked Ambition Author:- Jad Adams) और यह सही हैं लेकिन गांधी को मारनेवाला नथुराम गोडसे और उस साजिश मे सामिल होने का आरोप लगनेवालें विनायक दामोदर सावरकर (वि.दा.सावरकर) यह दोनो समलैंगिक थे और उनके एक दुजे के साथ संबंध थे यह नही बताया जाता।
***वि.दा.सावरकर और नथुराम गोडसे (गांधी का हत्यारा) यह समलैंगिक थे।


फ्रेंच के दो लेखक Dominique Lapierre और Larry Collins इन्होंने FREEDOM AT MIDNIGHT नाम की किताब बहोत रिसर्च कर के लिखी थी। यह किताब सबसे पहले 1975 मे प्रकाशित हुई थी। उस किताब के बहोत से संस्करण प्रकाशित हुए थे। इस किताब का छठा संस्करण भारत मे 1976 मे प्रकाशित हुआ था। तब इस किताब को लेकर भारत के कुछ अखबारों मे न्युज छपी थी। कुछ लोगों ने इस किताब पर आपत्ती जताई थी और इसपर बैन भी लाया गया था।
विर सावरकर और नथुराम गोडसे समलैंगिक थे और उनके संबंध थे यह जानकारी खुद नथुराम के भाई गोपाल गोडसे इन्होंने लेखक को दी थी।
भारत मे यह किताब जब 1977 मे प्रकाशित हुई थी उस किताब के पेज नंबर 361 पर सावरकर के बारे मे एक लाईन थी उसमे लिखा गया की-

” He was not addicted to it, but he had been a consumer of opium for years. He was also, although few of his followers were of it, a homosexual. ”

इसका मतलब सावरकर को कुछ साल तक अफिम पिने का शौक था और वे समलैंगिक संबंध रखते थे।उस ही किताब के पेज नंबर 366 पर लिखा गया की-‘At the age of twenty eight, Godse had finally taken that ancient Hindu vow whose observance had concerened and troubled Gandhi, that of the Brahmacharya, the voluntary renunciation of sex in all its forms. He apparently remained faithful to it for the rest of his life. Before taking it, it had only one know sexual relationship. It was homosexual, His partner was political mentor, Veer Savarkar.’

इसका मतलब नथुराम गोडसे ने ब्रम्हचारी रहने की प्रतिज्ञा की थी और उन्होने उस प्रतिज्ञा का आखिर तक पालन किया। उससे पहले उसे केवल एक ही संबंध के बारे मे जानकारी थी वह यानी समलैंगिक संबंध और उसके लिए उनके साथ थे उनके राजनीतिक गुरू-वीर सावरकर.यह जानकारी सामने आते ही भारत मे हडकंप मचा था।
FREEDOM AT MIDNIGHT इस किताब का मराठी अनुवाद अप्रैल 1977 को प्रकाशित हुआ था।(प्रकाशक: अजब पुस्तकालय कोल्हापूर) इस मराठी अनुवादित किताब मे यह जानकारी नही दी गई।

FREEDOM AT MIDNIGHT यह अंग्रेजी किताब अब नोएडा के विकास पब्लिकेशन मे मिलती हैं। इस प्रकाशन ने भी यह जानकारी इस किताब से हटाई हैं। (वैसे विकास प्रकाशन ने बहोत सी जानकारी इस किताब से हटाई हैं ताकि बिजेपी और आर्.एस्.एस्. के भगवान कहे जानेवाले सावरकर और नथुराम गोडसे की असलियत लोगों को पता न चले)

*** यह लिखने का उद्देश किसी की बदनामी करने का नही था। किसी के भावनाओं को ठेंच पहुचती हो तो हमे माफ कर देना।


यही मेरी पोस्ट थी जिसपर मुझे धमकी और कुछ गालियाँ भी मिली थी। इस पोस्ट को मेरी एक दोस्त दिपाली अंबादे ने मुझसे अनुमती मांगकर बड़े हिम्मत से अपने फेसबूक पर लिखी थी।
जिसने भी मुझे धमकी और गालियाँ दी थी उसके वजह से ही मेरे पास Larry Collins and Dominique Lapierre द्वारा लिखित Freedom at Midnight की दो प्रकाशनों द्वारा प्रकाशित ( विकास पब्लिकेशन, नोएडा और Harper Collins Publishers, UK) प्रतियाँ हैं।

***सावरकर भक्त खुद यह किताब पढ़े।

source bheesangh .wordpress

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