जन उदय : इंदिरा गाँधी की हत्या के बाद पुरे देश में जो दंगे हुए उससे तरह के नरसंहार
से पूरी दुनिया दहशत में आ गई , जिस तरह तरह पुरे देश में सिक्खों को मारा गया वो
नजारा किसी युद्ध से कम नहीं था जहा पर सिर्फ दुशमन को ख़त्म कर दिया जाता है बिना किसी रहम की . लेकिन इन दंगो में जो
हुआ उससे मानवता जरूर शर्मशार हुई , औरते ,बच्चे ,मर्द , बूढ़े सबको बड़ी बेहरहमी से कत्ल किया गया .
अब जो दंगो की तस्वीर पेश
की गई वह बड़े ही सम्प्रद्यिक तरीके से पेश की गई लेकिन इसमें एक सच्चाई जो आज तक न
तो किसी मीडिया में चढ़ा होती है और न ही किसी कानून के दायरे में वह यह की या दंगा
सम्प्रद्यिक तो था ही लेकिन इसमें जो सिख मारे गए और दलित सिख थे
जो सिख समाज में भी उपेक्षित रहते है ये लोग न तो पुरे सिख होते है और हिन्दुओ की
जातिवादी भेदभाव से बचने के लिए सिक्ख आवरण में रहते है , दिल्ली के तिलक नगर ,
खिचड़ीपुर आदि इलाको में इन्ही सिक्खों को
गले में टायर बाँध कर उसमे आग लगा कर इनको
मारा गया था ,
लेकिन यह बात ध्यान रखने
वाली है की ९५ % मारे गए व्यक्ति दिल्ली में
दलित सिक्ख थे जिन्हें आज तक न्याय नहीं मिला है
इन दंगो की ख़ास बात यह थी की
इन दंगो को समर्थन तो कांग्रेस का था लेकिन इसका फायदा हिन्दू संघठनो ने उठाया ,
ये दंगा इन आतंकी हिन्दुओ के लिए एक वरदान साबित हुआ जिससे इन्हें वोट मिले