जन उदय : यु एन की मानव विकास
की रिपोर्ट के ने पुरे भारत को ही नहीं पूरी दुनिया को चोंका दिया है कि एक तरफ भारत विश्व गुरु बनने की
डींग मारता है दूसरी तरफ मानव विकास में
ये पाकिस्तान , श्री लंका और बंगलादेश से
भी पीछे है . मानव विकास की रिपोर्ट में जहा पाकिस्तान ८४ वे स्थान पर है
बांग्लादेश और श्री लंका क्रमश ८६ और ९६वे स्थान पर है वाही भारत १२४ वे स्थान पर है .
रिपोर्ट में मानव विकास की दर
कम होने की वजह वर्तमान सरकार को ठहराया गया है
बाल कुपोषण में तो भारत नाइजीरिया , रवांडा जैसे अफ़्रीकी
देशो से भी पहुच गया है और भारत के ८६ % लोगो को ही कुपोषित करार दिया गया है . शिक्षा के क्षेत्र में भारत का स्थान दुनिया की टॉप ४०० यूनिवर्सिटी
में २७९ है . यह आंकड़े दिल को दुखाने वाले है लेकिन इनका कारण भारत में फैली
जातिवादी निति है जिसके जरिये सरकार खुद
अपने नागरिको का विकास नहीं चाहती और
ऐसी वावस्य्स्था बनाए
रखना चाहती है जिससे लोगो में अंधविश्वास , बना रहे अशिक्षित बने रहे और
सामाजिक और मानसिक विकास न हो पाए .
लेकिन रिपोर्ट में यह मना गया है की सामाजिक परिवर्तन की लड़ाई ,
समानता की लड़ाई पूरी दुनिया से
जब हम तुलना करते है तो भारत में यह लड़ाई
सबसे तेज हो गई है , लेकिन सरकार इस लड़ाई को और लड़ने वालो खत्म करना चाहती है .
हलांकि यु एन की पहली रिपोर्ट्स में भारत को चेतवानी दी गई है की भारत जातिवादी
हत्याए और अत्याचार बंद करे .
ऐसा भी माना जा रहा है की भारत सामाजिक परिवर्ण
की इस लड़ाई को खत्म करने के लिए सरकारी तन्त्र का खूब इस्तेमाल कर रहा है और
किसी भी तरह जातिवाद , गरीबी , उत्पीडन के
खिलाफ लड़ाई को खत्म करने में कोई कसर नहीं
छोड़ रहा है