, जन उदय : जिस तरह
भाजपा /संघ चुनाव जितने के साथ ही यहाँ
देश में लोकतंत्र के लिए भगवा ताकतों ने लोकतंत्र के लिए खतरे पैदा कर दिए , वही दूसरी
तरफ एक चक्रवर्ती सम्राट अशोक की तरह पूरी
दुनिया का दौरा करना शुरू कर दिया था उससे देश में ये संदेश देने की कोश्सी की गई की
जो पहले की सरकारों ने नहीं किया वह अब हो जाएगा , अमरीका , दुबई , कनाडा में भाजपा
ने प्रायोजित कार्यकर्म करवाए और भारतीय पिछलग्गू मीडिया ने भी ऐसा ही दिखाने की
कोशिस की लेकिन सब उपर से ही पानी के बबूले की तरह लग रहा था .
फ्रांस ने तो राफेल विमान के मामले में पहले से ही झटका दे दिया था भारत को जिससे
ऐसे लग रहा था की मोदी और ओबामा की
केमिस्ट्री काफी अच्छी है लेकिन अमरीका ने अपना रुख एकदम साफ़ कर
दिया , कमाल की बात ये की अमरीका ने राफेल विमान भारत
को न देकर पाकिस्तान को दिए , ये बड़े शर्म
की बात थी
हाल ही में चीन ने
पठानकोट आतंकी हमले के साजिशकर्ता और जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर पर बैन
लगाने की भारत की कोशिश पर फिर अवरोध खड़ा कर दिया है। आज समय सीमा से कुछ घंटे
पहले चीन ने संयुक्त राष्ट्र की कमेटी से अनुरोध किया कि इसे रोका जाए।
यह कमेटी पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख
पर पाबंदी पर विचार कर रही है। वहीं केंद्रीय मंत्री किरण रिरिजु ने कहा कि सरकार
इस पर जल्द ही उचित कदम उठाएगी। उन्होंने कहा कि चीन ने जो किया है वह सही नहीं
है। संयुक्त राष्ट्र में चीन के इस व्यवहार को लेकर संवाददाताओं के सवाल पर उन्होंने
कहा कि विदेश मंत्रालय जो भी आवश्यक कदम होगा उठाएगा।
गौरतलब है कि मसूद को बैन करने के लिए भारत ने यूएन से अपील
की थी। 15 में से 14 देश थे जो भारत
के समर्थन में थे। यूएन कमेटी में अजहर मसूद को बैन करने पर फैसला होना था। कमेटी
में शामिल 15 में से 14 देश इसके हक में
थे। रिपोर्ट के मुताबिक बैन के समर्थन में अमरीका, यूके और फ्रांस
जैसे देश थे, सिर्फ चीन ने इसका विरोध किया।
चीन का विरोध भी इसलिए महत्व पूर्ण है क्योकि ये दावा
किया जा रहा था की मोदी ने आते ही चीन से भारत के सम्बन्ध सुधार लिए है जो की गलत साबित हुआ और पूरी दुनिया में यह संदेश गया है की भारत
पूरी दुनिया के सामने हाथ फैलाता घूम रहा है , लेकिन कोई भी
उसके हाथ पर सहयता की इक्कनी नहीं रख रहा है
इस वक्त पूरी
दुनिया में भारत एक मजबूर इंसान बन कर खड़ा है और इसका कारण है संघ संचालित सरकार
की नीतिया जो लगातार हर स्तर पर भारत का मान
कम करती जा रही है चाहे देश में होने वाली रोहित वेमुला की हत्या दलित बस्तिओ को जलाना , डेल्टा मेघवाल की
हत्या अन्य जातीय
हत्याए , जे एन यु की घटना के बावजूद
संघी नेताओं द्वारा समय समय पर दिए आ रहे
ब्यान इन सब ने मिल कर देश का बेडा
गरक कर दिया है